पल्लव
Thursday, October 31, 2013
{ ६९३ } {Oct 2013}
कनखियों से न देखा करो जाँ निकल जाती है
पर खुदा कसम तेरी ये अदा मुझे बहुत भाती है।
-- गोपाल कृष्ण शुक्ल
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