पल्लव
Sunday, December 29, 2013
{ ७१३ } {Dec 2013}
तुम्हारे प्यार का जोगी अब बियाबाँ में भटक रहा
होश गुम्म जोश ठण्डा, अचरज समाया आँखों में।
-- गोपाल कृष्ण शुक्ल
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