पल्लव
Friday, July 3, 2015
{ ९१७ } {April 2015}
बाट जोह रही पिया की, मैं तड़पूँगी वो तड़पायेगा
चाँद आसमाँ से आकर जब दरीचे में रुक जायेगा।
-- गोपाल कृष्ण शुक्ल
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