पल्लव
Tuesday, May 21, 2013
{ ५७३ } {May 2013}
रुखसार पर चमकती तेरी सुर्खरू आँखें
दिल में बसी प्यास को और जगाती हैं।
-- गोपाल कृष्ण शुक्ल
No comments:
Post a Comment
Newer Post
Older Post
Home
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
No comments:
Post a Comment