पल्लव
Tuesday, May 21, 2013
{ ५७४ } {May 2013}
वो बस एक पल को ही आये मन-आँगन में
खुश्बू-ए-गुल महक उठे उजडे हुए उपवन में
दिल मचल उठा, सोए सपने साकार हो गये
नैनों से नैन मिले सिहरन उठी तन-मन में।।
-- गोपाल कृष्ण शुक्ल
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