पल्लव
Sunday, September 29, 2013
{ ६८६ } {Sept 2013}
बोझिल पल जुदाई के, फ़ुरकत की स्याह रातें
मोहब्बत में मुकद्दर ने हमें दी हैं यही सौगातें
तेरे आगोश मे कटी ज़िन्दगी यादों में बसी है
ऊठ गयी चाँदनी रातें, छूटी वो हसीन मुलाकातें।।
-- गोपाल कृष्ण शुक्ल
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