पल्लव
Wednesday, September 28, 2022
{९५१}
वक्त ने ग़म दिया है
वक्त ही मरहम बनेगा
फ़िर गिले-शिकवों में
क्यों वक्त जाया करें।।
-- गोपाल कृष्ण शुक्ल
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