पल्लव
Monday, September 26, 2022
{९४५}
मुल्क से मोहब्बत के लुत्फ का क्या कहिए
बीतेगा हर लम्हा उसके परचम की बंदगी में।
-- गोपाल कृष्ण शुक्ल
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