कुछ रिश्ते जोड़े थे, हमने, तुमने, सबनेप्यार बहुत बाँटे थे, हमने, तुमने, सबने फिर भी खेतों में उगी साँपों की फसलें बीज ये कब बोए थे, हमने, तुमने, सबने।।
.. गोपाल कृष्ण शुक्ल
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