पल्लव
Monday, October 3, 2022
{९५६ }
ज़ख्म खुद अपनी सारी कहानी कह रहे हैं
तुमको क्या बतायें हम क्या दर्द सह रहे हैं।
-- गोपाल कृष्ण शुक्ल
1 comment:
Alaknanda Singh
October 6, 2022 at 1:43 AM
बहुत खूब...
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बहुत खूब...
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