Sunday, June 3, 2012

{ २९९ } {June 2012}





जिसे अपना समझा वही गैर निकला
जिसे गैर समझा उस ने ही संभाला
यहाँ कद्र जज्बात की कुछ भी नहीं है
जमाने का ये दस्तूर देखा निराला।।

-- गोपाल कृष्ण शुक्ल

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