पल्लव
Sunday, June 3, 2012
{ ३०० } {June 2012}
घुँघराले गेसुओं के बल मस्ताने
किसी का रुखसार है या मैखाने
ये कौन आया यही सोंच रहा हूँ
ये कटीले नयन हैं या मए-पैमाने।।
-- गोपाल कृष्ण शुक्ल
No comments:
Post a Comment
Newer Post
Older Post
Home
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
No comments:
Post a Comment