पल्लव
Sunday, June 3, 2012
{ २९८ ) {June 2012}
कैसे गुजर रहे हैं ज़िन्दगी के दिन
ये मैं तुम्हे बता भी नही सकता
मुझको तेरी जुदाई का एहसास है
पर तेरे पास आ भी नही सकता।।
-- गोपाल कृष्ण शुक्ल
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