पल्लव
Friday, February 28, 2014
{ ७३९ } {Feb 2014}
एकाकी है मृत्यु, यदि जीवन हो एकाकी तो घबड़ाना कैसा
मार्ग एकाकी, लक्ष्य भी एकाकी, एकाकी से डर जाना कैसा।
-- गोपाल कृष्ण शुक्ल
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