Wednesday, February 26, 2014

{ ७३३ } {Feb 2014}





हर कदम पर तपन मिली मुझको
दर्दो-गम की अंजुमन मिली मुझको
वक्त की तल्खियों ने जब-जब घेरा
मयकदे में ही शरण मिली मुझको।।

-- गोपाल कृष्ण शुक्ल

No comments:

Post a Comment