Friday, February 28, 2014

{ ७४० } {Feb 2014}





जमाने को बाँटे है हमने खूब कहकहे
मेरे हिस्से सिसकते ख्वाब ही आये
खूब लुटाई है हमने प्यार की दौलत
मेरे हिस्से रुसवाई के खिताब ही आये।।

-- गोपाल कृष्ण शुक्ल

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