पल्लव
Friday, February 27, 2015
{ ८७१ } {Feb 2015}
ज़िन्दगी ही लुटा दी है मैंने जिसके लिये
माँगता वही ज़िन्दगी का हिसाब बार बार।
-- गोपाल कृष्ण शुक्ल
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