पल्लव
Saturday, February 28, 2015
{ ८७९ } {Feb 2015}
तुम्हे ये कौन समझाये तुम्हे ये कौन बतलाये
इश्क सिर्फ़ एक बार होता है बार-बार नहीं।
-- गोपाल कृष्ण शुक्ल
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