पल्लव
Saturday, February 28, 2015
{ ८७७ } {Feb 2015}
प्यार मिल पाता न गुस्ताखी के बल पर
पुल बाँधे जाते नहीं चूना-राखी के बल पर
सत्य बतला रहा हूँ सुन लो जमाने वालों
ज़िन्दगी चलती नहीं बैसाखी के बल पर।।
-- गोपाल कृष्ण शुक्ल
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