पल्लव
Thursday, April 19, 2012
{ २४४ } {April 2012}
अगिन में क्यो झुलसती जा रही तुम
चाँदनी को इसतरह क्यों तरसाती हो
तनिक प्यार से प्यार का जवाब दे दो
बेवजह मुझपर नफ़रत आजमाती हो।।
-- गोपाल कृष्ण शुक्ल
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