पल्लव
Friday, November 1, 2013
{ ६९९ } {Oct 2013}
ये पीर अजानी तुमने
किस अजाने से पाई
था जो शाश्वत वरदान
पर बनी व्यथा करुणाई।।
-- गोपाल कृष्ण शुक्ल
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