Friday, January 31, 2014

{ ७१८ } {Jan 2014}





किसी की नजरों में न रह सका
किसी ने नहीं अपनाया मुझको
मेरी कविता ने भी कहा मुझसे
किसके खातिर लिखा मुझको।।

-- गोपाल कृष्ण शुक्ल

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