पल्लव
Friday, January 31, 2014
{ ७२८ } {Jan 2014}
हम अकेले हैं फ़िर भी हम अकेले हैं कहाँ
मेरी तन्हाइयों में गूँजती हैं कल की सदायें।
-- गोपाल कृष्ण शुक्ल
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