पल्लव
Friday, January 31, 2014
{ ७२७ } {Jan 2014}
कर लो मुझपर सितम अब जितना चाहो तुम
हमको अब गम में भी मुस्कुराना आ गया है।
-- गोपाल कृष्ण शुक्ल
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