शायद वो आसमान का आवारा बादल था
जो मेरे अश्क लेकर मुझको प्यास दे गया।
-- गोपाल कृष्ण शुक्ल
ढ़ल रहा है देखो आफताब
कुछ तू भी कमा ले सवाब
बाद कयामत के एक दिन
खुदा करेगा तेरा भी हिसाब।
-- गोपाल कृष्ण शुक्ल
अब ख्वाबों के हो गए हो तुम
मेरी पलकें भिगो गए हो तुम
क्यों हर किसी की आँखों में
अपने आँसू पिरो गए हो तुम।
-- गोपाल कृष्ण शुक्ल
अपनों को फुरसत नहीं गैरों को क्या सरोकार
ज़िन्दगी बन कर रह गयी बस एक कारोबार।
-- गोपाल कृष्ण शुक्ल
तेरे खातिर ही ये खता हुई हमसे
बस तुझे ही अपना खुदा बनाया।
-- गोपाल कृष्ण शुक्ल
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