Friday, December 9, 2011

{ १०४ } {Dec 2011}







आए है हम मिलने आपसे फ़ूलों का हार लेकर
होगा दिल को सुकूँ आपको फ़ूलों का हार देकर
ठुकरा न देना, खुदा ने दिल शीशे का बनाया है
टूटा जो दिल तो जाऊंगा कहाँ ये टूटा हार लेकर ।।

-- गोपाल कृष्ण शुक्ल

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