Wednesday, December 21, 2011

{ १०५ } {Dec 2011}





एक रंगीन गम सफ़र के लिये
और मायूसियाँ नज़र के लिये
एक मुस्कान चन्द लमहों की
दे गई दर्द सारी उमर के लिये ।।

-- गोपाल कृष्ण शुक्ल

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