पल्लव
Monday, January 21, 2013
{ ४५९ } {Jan 2013}
ज़िन्दगी की डगर पर चाहे फ़ैले हों अँधेरे
दुख के बादलों के आवरण कितने भी घेरें
मुस्कान की किरण से तुम रोशनी फ़ैलाओ
दूर तक आयेंगें नजर फ़िर खुशियों के सबेरे।।
-- गोपाल कृष्ण शुक्ल
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