पल्लव
Friday, January 11, 2013
{ ४५८ } {Jan 2013}
रूप तो प्यार के बल पर ज़िन्दा है
ज़िन्दगी इसके बिना शर्मिन्दा है
वैसे तो हर कोई रहता घर में, पर
दिल का बिरला हुआ बाशिन्दा है।।
-- गोपाल कृष्ण शुक्ल
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