पल्लव
Tuesday, January 22, 2013
{ ४७० } {Jan 2013}
रँजिश दुश्मनी से इस दुनिया को है प्यार बहुत
अफ़सोस ये कि बस एक प्यार से ही प्यार नही
बाजारे-हुस्न तो मिलेगा हमें हर जगह पर यहाँ
लेकिन ये भी सच है कि इश्क का बाजार नही।।
-- गोपाल कृष्ण शुक्ल
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