पल्लव
Monday, March 31, 2014
{ ७५७ } {March 2014}
बहुत. दूर. से वो. आज. यूँ गुजर गया
खत्म. बात का. सिलसिला. कर गया
बढ़ रही तनहाइयाँ धूमिल परछाइयाँ
शायद सूख मोहब्बत का शजर गया।।
-- गोपाल कृष्ण शुक्ल
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