पल्लव
Monday, March 31, 2014
{ ७४५ } {March 2014}
दुख का वातावरण बदलना है
दर्द का यह चलन बदलना है
अपनी धरती और चमन का
अब हमको बागबान बदलना है।।
-- गोपाल कृष्ण शुक्ल
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