पल्लव
Saturday, August 17, 2013
{ ६६० } {Aug 2013}
तेरी तिश्नगी पर कुछ तू भी तो गौर कर
क्या तमाम ज़िन्दगी ऐसे ही जिये जाऊँ मैं।
-- गोपाल कॄष्ण शुक्ल
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