Thursday, August 22, 2013

{ ६७२ } {Aug 2013}





इन्द्रधनुषी प्यार के तरन्नुम सी
सुबह की खुशगवार कुमकुम सी
मेरे. अन्तःकरण. के मन्दिर. में
एक. मूरत सजी है हूबहू तुम सी।।

-- गोपाल कृष्ण शुक्ल

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