पल्लव
Thursday, August 22, 2013
{ ६६९ } {Aug 2013}
यूँ तो मेरे हाथों में लकीरें बहुत है पर
ज़िन्दगी में गर्दिश भी कुछ कम नहीं।
-- गोपाल कृष्ण शुक्ल
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