पल्लव
Wednesday, November 2, 2011
{ ७० } {Nov 2011}
ज़िन्दगी मे गर खिलखिलाना चाहते हो
मर के भी अपना सर उठाना चाहते हो।
चन्द गमों को हँस-हँस कर पार कर लो
गर खुशियों की जीस्त बनाना चाहते हो।
-- गोपाल कृष्ण शुक्ल
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