पल्लव
Saturday, November 12, 2011
{ ७८ } {Nov 2011}
रोटी की ही सब मारामारी है
भूख बनी सबकी लाचारी है
कोई खाता मेवा-सोना-चाँदी
किसी को दाने की दुश्वारी है ।।
-- गोपाल कृष्ण शुक्ल
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