पल्लव
Friday, November 18, 2011
{ ८५ } {Nov 2011}
क्यों अब और कोई ठिकाना तलाश करती हो
बेवफ़ा बनकर क्यों बहाना तलाश करती हो।।
-- गोपाल कृष्ण शुक्ल
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