पल्लव
Friday, November 18, 2011
{ ८१ } {Nov 2011}
तुम मोहब्बत से काम लेते तो
ये अश्रु भी हास बन गया होता
और कुछ खुशगवार रिश्तों का
सुन्दर इतिहास बन गया होता ।।
-- गोपाल कृष्ण शुक्ल
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