पल्लव
Friday, November 18, 2011
{ ८४ } {Nov 2011}
ज़िन्दगी की उलझनों में, साथ चलते फ़रेबों ने
ज़िन्दगी में खूँ की गर्मी को ही ठन्डा कर डाला।।
-- गोपाल कृष्ण शुक्ल
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