पल्लव
Sunday, July 28, 2013
{६३४ } {July 2013}
डबडबाये नयन में जल की तरह
एक बिसरी हुई गज़ल की तरह
अब आ भी जाओ बिन तेरे हम
आज भी उदास हैं कल की तरह।।
-- गोपाल कृष्ण शुक्ल
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