पल्लव
Tuesday, July 30, 2013
{ ६४५ } {July 2013}
काश वो इस ज़ख्मी दिल के अल्फ़ाज़े-इश्क सुन लेती
तो हम भी मशगूल हो गये होते हुस्न की मोहब्बत में।
-- गोपाल कृष्ण शुक्ल
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