Saturday, July 20, 2013

{ ६२५ } {July 2013}





गीत का मणि-कलश दिया तुमने
तार को और भी कस दिया तुमने
इन आँसुओं के नगर में नाहक ही
मुझको ये श्रँगार रस दिया तुमने।।

-- गोपाल कृष्ण शुक्ल

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