Tuesday, July 30, 2013

{ ६४८ } {July 2013}





सुधियों को सुरभित करता, झूम-झूम कर आया सावन
झँकृत साँसें, महकी मुस्काने, शर्मीले होठों का कम्पन।

-- गोपाल कृष्ण शुक्ल

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