पल्लव
Tuesday, July 30, 2013
{ ६५० } {July 2013}
जो बीत गया अब उससे द्रोह-मोह क्या करना
क्षण-प्रतिक्षण लगन से ध्वनि-सम है बहना
जाकर कह दो पथ की बाधाओं से हमें न छेड़ें
हम अनन्त पथ के राही अब न हमको थमना।।
-- गोपाल कृष्ण शुक्ल
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