पल्लव
Tuesday, December 30, 2014
{ ८४९ } {Dec 2014}
कोई नहीं कर सकता दूर किसी की तनहाई
हैं सूरज, चाँद, तारे मगर तनहा आसमान है।
-- गोपाल कृष्ण शुक्ल
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