पल्लव
Monday, December 29, 2014
{ ८४४ } {Dec 2014}
वो बसी मेरे दिल में चाहे नजरों से दूर है
ऐसे हादसे भी मोहब्बत में होते जरूर हैं
उसके सिवा और कुछ दिखता नहीं मुझे
वो ही नाजनीन मेरी नजरों का नूर है।।
-- गोपाल कृष्ण शुक्ल
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