पल्लव
Wednesday, December 17, 2014
{ ८३२ } {Nov 2014}
भीड़. में खडे हैं तनहा, किसे. आवाज दे
कौन है. यहाँ. अपना, किसे. आवाज दें
गूँज. कर लौट आयेगी. अपनी. ही सदा
पत्थरों की बस्तियाँ हैं किसे आवाज दें।।
-- गोपाल कृष्ण शुक्ल
No comments:
Post a Comment
Newer Post
Older Post
Home
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
No comments:
Post a Comment