पल्लव
Sunday, December 14, 2014
{ ८३० } {Nov 2014}
जाने क्या-क्या कह जाती है ज़िन्दगी
जाने क्या-क्या सह जाती है ज़िन्दगी
मशहूर हो या कि बदनाम ही हो जाये
दर्मियाँ फ़ासलों के रह जाती है ज़िन्दगी।।
-- गोपाल कृष्ण शुक्ल
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