पल्लव
Friday, January 13, 2012
{ १३४ } {Jan 2012}
पूनम वाली रात चाँदनी बनकर आओ
आ कर मन का दर्द सघन हर जाओ
सावनी घनेरे मेघों की रिमझिम बन
अन्दर-बाहर तपती जलन हर जाओ ।।
-- गोपाल कृष्ण शुक्ल
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